Haryana : हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लेकर बड़ी कार्रवाई, 61 सरकारी कॉलेजों को भेजा नोटिस
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू करने के तहत उठाया बड़ा कदम।
Haryana New Education Policy : प्रदेश के 61 सरकारी कॉलेजों ने गाइडलाइन (Guidelines) का पालन नहीं किया जिसके चलते उच्चतर शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने इन संस्थानों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। सभी कॉलेजों से निर्देश दिए गए हैं कि वे दो दिन में गाइडलाइन के अनुसार अपने वर्कलोड (Workload) की रिपोर्ट भेजें।
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प्रदेश में 2024-25 शैक्षणिक सत्र (Academic Session) से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है, लेकिन उच्चतर शिक्षा विभाग ने पाया कि कई कॉलेज मल्टीडिसीप्लीनरी कोर्स (Multidisciplinary Courses) जैसे आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में सही तरीके से लागू नहीं कर पा रहे हैं।
2023 में जारी हुई थी विस्तृत गाइडलाइन
उच्चतर शिक्षा विभाग ने 2023 में पत्र जारी करते हुए सभी कॉलेजों को NEP के दिशानिर्देशों के आधार पर पढ़ाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई के साथ कौशल (Skills) प्रदान करना है। इसके तहत प्रदेश भर के सरकारी और निजी कॉलेजों में मल्टीडिसीप्लीनरी शिक्षा को लागू किया गया है।
हालांकि, कई कॉलेज अब तक इसका सही से पालन नहीं कर रहे हैं। प्रदेश के 61 कॉलेजों में वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि निर्देशों का पालन न करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यूनिवर्सिटी स्तर पर हो रहा मंथन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सही दिशा में काम करने और बेहतर सुधार लाने के लिए प्रदेश की चार यूनिवर्सिटी में विशेष बैठक आयोजित की जा रही है। इसमें पूरे प्रदेश के 5545 कॉलेज शिक्षक और प्रिंसिपल भाग ले रहे हैं। इस दौरान नीति को लेकर चर्चा (Deliberation) की जाएगी और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
चार यूनिवर्सिटी में चल रहे इन कार्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों को NEP की सही जानकारी देना है। लेकिन अलग-अलग विश्वविद्यालयों द्वारा बनाए गए नियमों के चलते कॉलेजों को असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है NEP का उद्देश्य?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को फ्लेक्सिबल (Flexible) और रोजगारपरक (Employment-oriented) बनाना है। इसके तहत छात्रों को उनके इंट्रेस्ट (Interest) के आधार पर विभिन्न विषयों और कौशलों का चयन करने का अवसर मिलता है।
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नीति का सबसे बड़ा फोकस मल्टीडिसीप्लीनरी लर्निंग (Multidisciplinary Learning) पर है, ताकि छात्रों को केवल पारंपरिक विषयों तक सीमित न रखा जाए। इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर लाना है।